जशपुर : 27 अगस्त 2020 में एंटी करप्शन ब्यूरो ने 50000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था एसीबी के छापे के दौरान मीरी भगने की भी कोशिश करते नजर आए थे, इसके बाद एसीबी ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया था, गिरफ्तारी के बाद से न्यायालय में मामला लंबित था और तहसीलदार कमलेश कुमार मिरि को सरगुजा में इस 4 साल के दौरान पदस्थ किया गया.
नायब तहसीलदार मीरि ने 2020 में शहर के दरबारी टोली निवासी अनुज गुप्ता से जमीन के नामांतरण के बदले 3 लाख की रिश्वत मांगी थी जीसकी शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने रंगे हाथ नायब तहसीलदार मिरि को गिरफ्तार किया था जांच के दौरान एसीबी को डिजिटल वॉयस रिकॉर्ड में तहसीलदार का रिश्वत मांगने का रिकॉर्डिंग भी मिला था. एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के अंतर्गत मिरी के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया था,
मामले की सुनवाई 4 साल चली 4 साल बाद 1 जुलाई दिन मंगलवार न्यायाधीश सत्येंद्र साहू की अदालत ने इस पर फैसला सुनाया और 50000 रुपए का अर्थ दंड के साथ 3 साल की सश्रम कारावास जी सजा सुनाई, न्यायाधीश का फैसला सुनकर तहसीलदार कमलेश कुमार मिरी बेहोश हो गए और जमीन पर गिर पड़े , प्राथमिक उपचर देकर तहसीलदार मिरी को जेल दाखिल कर दिया गया.
