सरगुजा : मुख्यालय अम्बिकापुर से लगा गांव खैरबार जहा के रहने
वाले लोग एक ऐसी समस्या से जूझ रहे है जिसका समाधान कई सालों से किया जा रहा है
मगर सरकारे बदल गई पर अब तक इनकी समस्या जस की तस बनी हुई है,सामान्य गाव की
ही तरह दिख रहे इस गाव के लोग एक ऐसी संसया से जुझ रहे है जिससे निजात पाने के लिए
इन्हें सालो से इंतजार करना पड़ रहा है,,, दरअसल ये गाव प्रशासनिक रिकार्ड में वन ग्राम है जिसे राजस्व ग्राम
बनाने की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने वर्ष 2014 में की थी, जिसके लिए वर्ष
2015 से प्रक्रिया भी शुरू की गई,मगर ये 9 सालो बाद भी पूरी नही हो सकी है, राजस्व ग्राम नही
होने से यहां के लोग न तो अपनी ज़मीन खरीद बिक्री कर पा रहे है, न तो इनके जमीन
का नक्सा इनके पास है और न ही ये जमीन के बदले लोन ले पा रहे है, ऐसे में यहां के
ग्रामीणों की मांग है कि जल्द ही वन ग्राम से राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया
पूरी की जाए ताकि उन्हें भी उन योजनाओं का लाभ मिल सके जिससे वो वंचित है,सबसे बड़ी बात ये
की यहाँ के पढ़ने वाले बच्चो का जाति प्रमाण पत्र नही बन पा रहा है जिसके कारण
बच्चे नौकरी से भी वंचित रह जाए रहे है.
प्रशासन कि तरफ से वन ग्रामो को राजस्व ग्राम बनाने की पहल
2014 से ही शुरू की गई है मगर इसकी सुस्त चाल के कारण ये प्रक्रिया अब तक पूरी नही
हो सकी है,खैरबार शहर से
लगा हुआ गाव है इस कारण यहां की जमीनें बेस्कीमती है यही कारण है कि गाव में जमीन
की बिक्री नही होने का फायदा रसूखदार उठा रहे है गाव में औने पौने दाम में जमीन का
सौदा कर रहे है और उस पर कब्जा कर ले रहे है,खैरबार गाव को लेकर प्रशासन भी मुश्किल में है क्योंकि यहां
की सैकड़ो एकड़ जमीन स्टाम्प पर बिक्री कर दी गई है,जिनके निराकरण के बाद ही प्रशासन आगे की
प्रक्रिया बढ़ाने की बात हर बार कहता है,मगर अब खुद प्रभारी मंत्री इसे संज्ञान में लेते हुए जल्द
निराकरण की बात कह रहा है.
बहरहाल ये विडम्बना ही है कि शहर से लगे 1 गाव आज भी नक्से
से गायब है,,, गाव के लोग सालो
से इस संसया से जूझ रहे है,,,मगर जिम्मेदार
कार्रवाई शुरू होने के 11 साल बाद भी इसका निराकरण नही निकाल सके है, ऐसे में देखना
होगा कि आखिर ये वन ग्राम राजस्व ग्राम में कब तक शामिल होते है ताकि लोगो को राहत
मिल सके.
आज इस गांव में सांसद चिंतामणि महराज पहुंचे और सांसद ने ग्रामीणों की समस्या
सुनी और राजस्व अमले से उसका समाधान पूछा, एसडीम फागेश सिन्हा ने सांसद को नियमो
और कार्रवाई के जानकारी ग्रामीणों के सामने दी. इस अवसर पर सांसद चिंतामणि महराज
ने माना की राजस्व ग्राम की प्रक्रिया में विलंब हुआ है लेकिन राजस्व ग्राम में
बदलने के लिए फार्मेलिटी पूरी करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा है की राजस्व ग्राम बनाने
की प्रक्रिया भी जल्द ही की जायेगी.